विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad)

विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad)

Sold ( 52 times )
7484 Views

This product is currently not available.

Save extra with 1 Offers

Get ₹ 50

Instant Cashback on the purchase of ₹ 400 or above

Product Specifications

Publisher PHI Learning All Law books by PHI Learning
ISBN 9788120336643
Author: Brajkishor Sharma
Number of Pages 249
Available
Available in all digital devices
  • Snapshot
  • About the book
  • Sample book
विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad) - Page 1 विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad) - Page 2 विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad) - Page 3 विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad) - Page 4 विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad) - Page 5

विधि की शब्दावली और विधि का अनुवाद : इतिहास, प्रक्रिया, सिद्धांत और प्रयुक्ति (Vidhi Ki Shabdavali Aur Vidhi Ka Anuvad) by Brajkishor Sharma
Book Summary:

यह पुस्तक एक आधिकारिक ग्रंथ है | इसमें विधि के क्षेत्र में हिन्दी के पदार्पण की कहानी है | राजभाषा (विधायी) आयोग की स्थापना किस उद्देश्य से और किस प्रकार हुई और क्यों वह समाप्त कर दिया गया ? निर्णय पत्रिकाओं का प्रकाशन किस उद्देश्य से किया गया ? प्रारंभिक कठिनाइयां क्या थीं ? हिंदी में विधि की शब्दावली के अभाव की पूर्ति के लिए क्या प्रयास हुए ? शब्दावली निर्माण के क्या सिद्धांत एवं मानकीकरण थे ? क्या पद्धति अपनाई गई ? किस प्रक्रिया से शब्द गढ़े गए, चुने गए और रुढ़ किए गए ? भारत के संविधान के हिंदी पाठ के प्रकाशन में क्या बाधाएँ थीं ? किस प्रकार यह महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुआ | सरलीकरण क्या है ? इन सब प्रश्नों के उत्तर, प्रयुक्त सिद्धांत और प्रभूत उदाहरण इस पुस्तक में है |

हिंदी की श्रीवृद्धि में पं० नेहरू, डा० राजेंद्र प्रसाद, पं० गोविंदवल्लभ पंत और श्री पी० गोविंद मेनन आदि राजनेताओं की और डा० रघुवीर, पं० राहुल सांकृत्यायन, डा० सुनीति कुमार चटर्जी और श्री बालकृष्ण आदि विद्वानों की क्या भूमिका और योगदान रहा ? उसका वर्णन इसमें है |

यह पुस्तक हिंदी के एक पक्ष का प्रामाणिक इतिहास है | साथ ही यह शब्दावली निर्माण के और विधिक अनुवाद के सिद्धांतों और शब्द विशेष के चयन के कारण और पृष्ठभूमि का वर्णन करती है |

यह सब लिखा गया है उस व्यक्ति द्वारा, जिसने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है | उन्हें मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली और कर्नाटक राज्य सरकारों, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हिंदी साहित्य सम्मेलन आदि संस्थाओं ने सम्मानित किया है और जिनकी संविधान पर लिखी पुस्तक भारत का संविधान - एक परिचय भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत है और इतनी लोकप्रिय है कि आठ वर्षों में उसके आठ संस्करण निकल चुके हैं |

यह पुस्तक हिंदी भाषा के विकास के अध्ययन के लिए अनिवार्य है | शब्दावली और अनुवाद के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए यह अचूक मार्गदर्शक है | भाषा विज्ञानियों के लिए यह विशेष सामग्री प्रदान करती है | हिंदी भाषा के प्रयोजनमूलक अध्ययन (functional Hindi) के लिए यह प्रकाश स्तंभ है |

Audience of the Book :
This book Useful for Management & Law students.
Table of Contents:

भाग 1 : विधि के क्षेत्र में हिंदी के प्रयोग का इतिहास |

भाग 2 : विधि शब्दावली का निर्माण |

भाग 3 : विधि का अनुवाद |

भाग 4 : हिंदी में संविधान का प्राधिकृत पाठ |

भाग 5 : प्रकीर्ण |

अध्याय 1 : शब्द चयन |

अध्याय 2 : संस्पर्शी या समांतर शब्द समूह-ऐसे शब्द और पद जिनके अर्थ की परस्पर व्याप्ति है |

अध्याय 3 : प्रयुक्ति |

अध्याय 4 : कुछ रोचक टिप्पणी और लेख |

अध्याय 5 : पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण और सरलीकरण की समस्या