संयुक्त राष्ट्र का चार्टर और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का संविधान (Sanyukt Rashtra Ka Charter Aur Antarrashtriya Nayayalaya Ka Samvidhan) by Brajkishor Sharma
Book Summary:
संयुक्त राष्ट्र का चार्टर भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए उठाया गया एक कदम था जिसने विश्व को एक कुटुंब बना दिया, जिसने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि युद्ध की विभीषिका सदा के लिए दूर हो जाए, जिसने यह गंभीर प्रयास किया कि विश्व में शांति हो, सहयोग हो और मानव के लिए यह सुखमय निवास स्थान हो |
संयुक्त राष्ट्र और उसके अभिकरणों का अध्ययन करने के लिए चार्टर सर्वाधिक महत्त्व का दस्तावेज़ है | इस पुस्तक में वह दस्तावेज़ तो है ही उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी दी गई है |
विश्व के समस्त देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय एक परम महत्त्व की संस्था है | इस पुस्तक में यह बताया गया है कि न्यायालय का गठन कैसे होता है और उसकी कार्यविधि क्या है ? इस पुस्तक में उन महान भारतीयों का परिचय है जो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश रहे हैं |
यह पुस्तक राजनीति विज्ञान, विधि और अंतरराष्ट्रीय संगठन के छात्रों के लिए उपयोगी है | यह उनके लिए भी सहायक है जो संघ लोक सेवा आयोग या राज्य लोक आयोग की सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होना चाहते हैं |
Audience of the Book :
This book Useful for Management & Law students.
Table Content :
1. भूमिका |
2. संयुक्त राष्ट्र का चार्टर-पृष्ठभूमि|
3. उद्देशिका|
4. प्रायोजन और सिद्धांत|
5. सदस्यता|
6. अंग|
7. महासभा|
8. सुरक्षा परिषद|
9. विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा|
10. शांति के लिए संकट, शांति भंग और आक्रामक कार्यों की बाबत कार्यवाई |
11. क्षेत्रीय व्यवस्था |
12. अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक सहयोग |
13. आर्थिक और सामाजिक परिषद् |
14. अस्वशासी राज्य क्षेत्रों के संबंध में घोषणा |
15. अंतरराष्ट्रीय न्यासिता प्रणाली |
16. न्यासिता परिषद् |
17. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय |
18. सचिवालय |
19. प्रकीर्ण उपबंध |
20. संक्रमणकालीन सुरक्षा व्यवस्था |
21. संशोधन |
22. अनुसमर्थन और हस्ताक्षर |
23. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का संविधान-पृष्ठभूमिऔर संक्षिप्त टिप्पणियां |
24. न्यायालय का संगठन |
25. न्यायालय की सक्षमता |
26. प्रक्रिया |
27. सलाहकारी राय |
28. संशोधन |
29. चार प्रायोजक शक्तियों का सुरक्षा परिषद् में मतदान प्रक्रिया पर कथन- पृष्ठभूमि और टिप्पणियां |