मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi)

मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi)

Sold ( 51 times )
6733 Views

This product is currently not available.

Save extra with 1 Offers

Get ₹ 50

Instant Cashback on the purchase of ₹ 400 or above

Product Specifications

Publisher PHI Learning All Law books by PHI Learning
ISBN 9788120340442
Author: Brajkishor Sharma
Number of Pages 123
Available
Available in all digital devices
  • Snapshot
  • About the book
  • Sample book
मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi) - Page 1 मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi) - Page 2 मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi) - Page 3 मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi) - Page 4 मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi) - Page 5

मानव अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाएँ और भारत की विधि (Manav Adhikar Antarrashtriya Prasamvidayen Aur Bharat Ki Vidhi) by Brajkishor Sharma
Book Summary:

मानव अधिकार की सार्वभौम घोषणा द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह दर्शाया की सभ्य राष्ट्र यह मानते हैं कि प्रत्येक मानव के कुछ ऐसे अधिकार हैं जिनसे उसे वंचित नहीं किया जा सकता | समस्त विश्व को उन अधिकारों का सम्मान करना चाहिए |

यह घोषणा आबद्धकर संधि नहीं थी | राष्ट्र संघ ने सर्वसम्मति से मानवधिकारों को दो भागों में विभाजित किया | राज्य पर अंकुश लगाने के जो अधिकार थे उन्हें सिविल तथा राजनीतिक अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा में रखा गया | अन्य सकारात्मक अधिकारों को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा में स्थान दिया गया |

इस पुस्तक में प्रसंविदाओं के अनुच्छेदों के समानांतर हमारे संविधान और विभिन्न अधिनियमों के उपबंध दिए गए हैं | साथ ही उच्चतम न्यायालय के संबंधित निर्णय भी यथास्थान दिए गए हैं |

कोई अन्य पुस्तक एसी नहीं है जिसमें प्रसंविदाओं के प्रत्येक अनुच्छेद के साथ भारतीय विधि के उपबंध दिए गये हैं |

लेखक की दूसरी पुस्तक मानव अधिकार की सार्वभौम घोषणा और भारत की विधि के साथ इस पुस्तक को पढ़ने पर मानव अधिकार और भारतीय विधि का सम्यक चित्र सम्मुख उपस्थित होगा | ये पुस्तकें एक दूसरे की पूरक हैं |

Audience of the Book :
This book Useful for Management & Law students.
Table Content :

1. भूमिका |

2. भारत में मानव अधिकारों और मूल अधिकारों का परस्पर संबंध |

3. मानव अधिकार प्रसंविदाओं पर विहंगम दृष्टि |

4. वैकल्पिक प्रोटोकाल |

5. असहमतियां |

6. आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार अंतरराष्टीय प्रसंविदा का वैकल्पिक प्रोटोकाल |

7. उद्देशिका |

8. भाग 1 से भाग 5- अनुच्छेद |

9. सिविल और राजनीतिक अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा |

10. प्रारंभिक टिप्पणी |

11. उद्देशिका |

12. भाग 1 से भाग 6 - अनुच्छेद |

13. सिविल और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा का वैकल्पिक प्रोटोकाल |

14. अनुच्छेद |

15. सिविल और राजनैतिक अधिकार अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा का दूसरा वैकल्पिक प्रोटोकाल |