यू जी सी नेट राजनीती विज्ञान मॉक टेस्ट-18 | Buy Now |
यह विचार कि किसी राजनीतिक दल के पक्ष में डले गये
मतों के लगभग बराबर उसके स्थान विधान मण्डल में
होने चाहिये, आधारित हैं
एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के विषय में निम्न वक्तव्यों
पर विचार कीजिये-
1. न्यूनतम मत प्राप्त अभ्यर्थी चुनाव से बाहर हो जाता है
और उसके मत वरीयता क्रम के अगले अभ्यर्थी को
हस्तान्तरित कर दिये जाते हैं।
2. आवश्यक न्यूनतम मतों को कोटा प्राप्त करने वाली
अभ्यर्थी निर्वाचित घोषित कर दिये जाते हैं और उनके
अतिरिक्त मतों को वरीयता क्रमानुसार अन्य अभ्यर्थियों
को हस्तान्तरित कर दिया जाता है।
3. निर्धारित संख्या में अभ्यर्थियों के पक्ष में वरीयता क्रम
बताते हुए निर्वाचक को मतदान करना होता है।
4. निर्धारित संख्या में स्थान मतों के हस्तान्तरण और
(अभ्यर्थियों के) उन्मूलन की प्रक्रिया से भरे जाते हैं।
वह सही क्रम बताइये जिसमें उपयुर्क्त नियमों का पालन
होना चाहिए।
निम्नलिखित कूट में से सही उत्तर चुनिए-
निम्न में किस एक को सार्वजनिक मत कहा जायेगा?
निम्न में कौन-सा एक जे.एस. मिल वाक् स्वातंत्रय के पक्ष
में दिये कारणों में नहीं है?
नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं। एक को कथन (A) तथा
दूसरे को कारण (तR) कहा गया है।
कथन (A) : रूसो प्रतिनिधिमूलक लोकतंत्र के विरुद्ध है।
कारण (R) : संप्रभुता का वास सामान्य इच्छा में है।
उपयुर्क्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा
एक सही है?
सफल लोकतंत्र राजनीति में व्यापक रुचि एवं भागीदारी
पर निर्भर करता है, जिसमें मतदान एक परमावश्यक भाग
है। जानबूझकर इस प्रकार की रुचि न रखना और
मतदान न करना एक प्रकार की निहित अराजकता है।
यह स्वतंत्र राजनीतिक समाज के लाभों का सुख भोगते हुए अपने राजनीतिक दायित्वों से मुख मोडना है। यह
वक्तव्य संबंधित है।
निम्न में से किसने दल की यह परिभाषा की थी?
‘‘दल अपने संयुक्त प्रयासों से, किन्हीं निश्चित सिद्धान्तों
के अनुरूप, जिनसे वे सब सहमत हों, राष्ट्रीय हित की
अभिवृद्धि करने के उद्देश्य से एकताबद्ध हुए व्यक्तियों का
निकाय है।’’
निम्न विद्वानों में किसका तर्क है कि निर्वाचन प्रणाली
दलीय प्रणाली की प्रकृति निर्धारित करती है?
निम्न में कौन-सी एक दबाव समूहों की भूमिका नहीं है?
‘‘लोकतंत्र और समाजवाद केवल ‘‘समानता’’ शब्द से
सहबद्ध है, परन्तु इनके अन्तर पर विचार कीजिये, लोकतंत्र
स्वतंत्रता में समानता चाहता है, समाजवाद प्रतिबन्धों और
पराधीनता में समानता चाहता है।’’ उपयुर्क्त विचार था-
निम्न विचारकों में से किस एक को ‘यूटोपियाई’’ समाजवादी
और ब्रिटेन के श्रमिक संघ आन्दोलन का जनक दोनों
कहा जा सकता है?
निम्न युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है?
1883 में संस्थापित फेबियन सोसाइटी के निम्न में से
कौन-कौन सदस्य थे?
1. बट्रैंण्ड रसल
2. जॉर्ज बरनार्ड शा
3. हैरल्ड लास्की
4. एच.जी. वेल्स
निम्न कूट से सही उत्तर चुनिएः
निम्न में से फेबियनवाद के मूल सिद्धान्त क्या थे?
1. मध्यमवर्गीय आशंकाओं को दूर करने और समाजवादी
विचारों की घुसपैठ को सरल बनाने के उद्देश्य से
अपनायी गयी प्रचार विधि।
2. ‘परागम्यता’ उनकी प्रिय सूचित थी जिसका अर्थ था कि
उसके सदस्य अन्य दलों में सम्मिलित होने के लिए
स्वतंत्र थे।
3. समझौते के विरुद्ध विरोध करने का उपदेश होने के
लिये स्वतंत्र थे।
4. सभी वर्तमान सत्ताधारियों और सभी प्रचलित मार्गों के
विरुद्ध विरोध आन्दोलन का नेतृत्व करना।
निम्न कूट में से सही उत्तर का उचन कीजिए-
मार्क्स के चिन्तन के तीन स्रोत हैं-
परिस्थितियों की परिवर्तनशीलता और पालन-पोषण का
सिद्धान्त इस तथ्य की उपेक्षा कर देता है कि मनुष्य ही
परिस्थितियों में परिवर्तन लाता है और शिक्षक को स्वयं
भी शिक्षित होना होगा। यह मत व्यक्त किया था-
‘‘द्वि संसद’’ की संकल्पना निरूपित की थी
निम्न में लोकतांत्रिक समाजवाद के मूल सिद्धान्त कौन से
थे ?
1. इसका लक्ष्य मुक्त प्रतिस्पर्धा की बुराइयों का, जो
पूंजीवादी समाज में तबाही उत्पन्न करती है, उन्मूलन
करना था।
2. यह निजी सम्पत्ति के विरुद्ध था, चाहे वह किसी भी
रूप में हो।
3. इसकी आस्था शांतिमय, लोकतांत्रिक और संवैधानिक
साधनों में थी।
4. यह प्रतिस्पर्धामूलक दलीय प्रणाली के विरुद्ध था।
निम्नलिखित कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिये- कूट :
निम्न दो वक्तव्य पढ़िये-
A‘‘केवल युद्ध सब मानवीय शक्तियों को सर्वोच्च तनाव
के बिन्दु तक पहुँचा देता है और उन लोगों पर
सज्जनता की मुहर लगा देता है जिनमें इसका
सामना करने का साहस हो।’’
B ‘‘मनुष्यों की चेतना उनके अस्तित्व का निर्धारण नहीं
करती, वरन्, इसके विपरीत, उनका सामाजिक
अस्तित्व उनकी चेतना निर्धारित करता है।’’
इन वक्तव्यों में क्रमशः कौन-सी विचारधारा प्रतिबिम्बित
होती है ?
यदि निम्न दशायें विद्यमान हो तो राज्य की प्रकृति की
सबसे उचित पहचान क्या होगी ?
1. नेतृत्व दावा कर रहा हो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
और आलोचनात्मक पूछताछ की अपेक्षा, लोगों और
समूहों को एकताबद्ध रखने के लिए मनोभावना और
क्रिया की आवश्यकता है।
2. समाज और राष्ट्र पर्यायवाची हैं। राज्य समाज का
सावयवी ढाँचा है। राज्य निरपेक्ष रूप से संप्रभुता संपन्न है, विधिक और नैतिक, दोनों।
3. राष्ट्रीय जीवन में नागरिकों की भागीदारी के लिए
उत्तरदायित्व, अनुशासन और पदसोपान आवश्यक है।
4. नागरिकों की स्वतंत्रता अनन्य रूप से राज्य-बल की
सीमा और प्रभावकारिता पर निर्भर करती है। नागरिकों
के अधिाकारों का औचित्य राज्य-इच्छा की अनुरूपता
पर निर्भर है।
निम्नलिखित कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिये-
Right Ans |
Wrong Ans |
Not Attempted |