सिलेबस और पेपर पैटर्न को समझ लें - परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को सलाह दी जाती है कि तैयारी से पहले पेपर पैटर्न और उसके सिलेबस को समझ लें और जान लें कि किस तरह के प्रश्न परीक्षा के दौरान पूछे जाएंगे।
भाषा परीक्षा (धारा 1) - भाषा परीक्षा सभी के लिए अनिवार्य है। इसे आगे 1A और 1B के रूप में उप-वर्गों में विभाजित किया गया है। एक छात्र सेक्शन 1 (ए और 1बी एक साथ) से अधिकतम 3 टेस्ट (33 टेस्ट में से) दे सकता है।
डोमेन स्पेसफिक टेस्ट (सेक्शन 2) - आप जिस यूनिवर्सिटी के जिस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं। उसको ध्यान में रखते हुए आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम के कुल मिलाकर 27 सब्जेक्ट में से अपने डोमेन सब्जेक्ट को चुनना होगा । 27 डोमेन सब्जेक्ट में से अधिकतम 6 को चुनने का ऑप्शन दिया गया है।
जनरल टेस्ट (सेक्शन 3) - इस टेस्ट में जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स, जनरल एबिलिटी, न्यूमेरिकल एबिलिटी, क्वांटिटेटिव रीजनिंग और लॉजिकल एंड एनालिटिकल रीजनिंग शामिल होंगे।
कॉन्सेप्ट को अच्छे से समझें - विषयों की गहरी समझ और कॉन्सेप्ट स्पष्ट होना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी आधार पर छात्रों के नॉलेज को टेस्ट किया जाता है। इसलिए कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखकर इस तरह से पढ़ें ताकि यह आइडिया हो सके कि किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
नोट्स बनाएं - तैयारी के समय का सबसे जरूरी हिस्सा है नोट्स बनाना। जो भी पढ़ रहे हैं उसके नोट्स बनाते रहें ताकि रिवीजन करते समय कोई समस्या न आए। ये नोट्स रिवीजन के समय तो मदद करेंगे ही साथ ही कॉन्सेप्ट समझने में भी मदद करेंगे।
खुद की जांच करें - जब पूरे सिलेबस की तैयारी हो जाए तो खुद को जांचने के लिए मॉक टेस्ट देते रहें। ऐसा करने से आपको संभावित प्रश्नों का तो अंदाजा होगा ही साथ ही आप अपनी तैयारी का लेवल भी जान पाएंगे।
स्टडी प्लान है जरूरी - पढ़ने और किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी है कि एक बेहतर स्टडी प्लान बनाना। तैयारी से पहले टाइम-टेबल बना लें और उसी के अनुसार पढ़ाई करना शुरू करें।
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