कॉर्पोरेट अपॉरच्युनिटीज - आज के वक्त में खेल क्लबों का तेजी से विकास हो रहा है। लोगों की इसमें रूचि बढ़ रही है। लिहाजा बड़ी कंपनियां भी इन क्लबों की तरफ रुख कर रही हैं।
स्किल्ड मैनेजर - आजकल कंपनियां खेल क्लबों में खुद को ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए जुट रही हैं। ऐसे में भविष्य में उन्हें स्किल्ड मैनेजर की जरूरत पड़ेगी। यह सारा परिदृश्य संकेत दे रहा है कि बिजनस मैनेजमेंट के अंतर्गत जल्द ही स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की स्ट्रीम भी सामने आएगी।
स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफ़ैक्चरिंग - स्टार्टअप इंडिया स्कीम के तहत अब ऐसे बहुत से स्टार्टअप्स हैं जो स्पोर्ट्स मैन्युफैक्चरिंग का काम कर रहे हैं। इस फील्ड में भी रोजगार के बहुत से अवसर आने की उम्मीद है।
स्पोर्ट्स राइटिंग - जिन लोगों को खेल और लिखने में दिलचस्पी है लेकिन वह सीधे तौर पर खेलों में शामिल नहीं होना चाहते, ऐसे लोग स्पोर्ट्स राइटिंग में करियर बना सकते हैं।
फिटनेस कंसल्टेंसी - कुछ सालों से हेल्थ, फिटनेस, न्यूट्रीशन और मेडिकल फील्ड में लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए कंसल्टेंट्स की डिमांड बढ़ रही है। हेल्थ और फिटनेस बिजनसेज में स्कोप बढ़ रहा है।
स्पोर्ट्स एडजूडिकेटर - हर खेल में रेफरी या अम्पायर की जरूरत पड़ती है। जिस तरह अब अपने देश में खेलकूद को लेकर प्रयोग हो रहे हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जितनी ज्यादा प्रतियोगिताएं होंगी उतनी संख्या में रेफरी/अम्पायरों की जरूरत बढ़ेगी।
मेंटॉरिंग करियर - अच्छे स्कूल भी अपने यहां अच्छे मेंटॉर के लिए जगह निकाल रहे हैं। यही नहीं, आप खुद की कोचिंग भी खोल सकते हैं। ऐसे में अगर आपको खेलों में इंट्रेस्ट है और आप खिलाड़ी हैं, तो मेंटॉर की तरह करियर बना सकते हैं।
ऐथलेटिक करियर - खेलों में सबसे अच्छा करियर फील्ड में स्पोर्ट्समैन का होता है। बतौर खिलाड़ी, आप खेल प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन से वाहवाही बटोरेंगे तो खेल में प्रदर्शन के साथ-साथ कमाने के जरिए भी बढ़ेंगे।