सरकारी नौकरियां अधिक प्रतिस्पर्धी होती हैं: अधिकतर लोगों की इच्छा होती है कि वे सरकारी नौकरी करें, लेकिन सीमित पद और कठिन प्रतियोगिता के चलते हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती है।
नौकरी की सुरक्षा: यह एक प्रमुख कारकों में से एक है जो निर्णय निर्माता के रूप में काम करता है। वहीं, निजी क्षेत्र में बाजार की स्थिति और कंपनी की वृद्धि को देखते हुए कंपनी कर्मचारियों की संख्या को कम कर सकती है।
सैलेरी: निजी क्षेत्र में मिलने वाली मोटी सैलेरी एक कारण होती है जिसके चलते युवा उस ओर खींचे जले जाते हैं क्योंकि उन्हें कम समय में अधिक लाभ मिल जाता है। वहीं, सरकारी क्षेत्र प्राइवेट क्षेत्र के मुकाबले भले ही कम सैलेरी देता हो, लेकिन उनके द्वारा दिए जाने वाले लाभ अधिक होते हैं। सरकारी नौकरियों में वेतन वृद्धि तय समय पर ही की जाती है, जबकि निजी क्षेत्र में नौकरियां बहुत अधिक वार्षिक होती हैं या कुछ companies में अर्धवार्षिक भी होती हैं।
बेहतर सेवानिवृत्ति नीति: निजी क्षेत्र की नौकरियों के मुकाबले सरकारी नौकरियां सुनिश्चित करती हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके कर्मचारी का भविष्य सुरक्षित रहे। निजी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद खुद ही अपने भविष्य का ख्याल रखना होता है। सरकारी क्षेत्र के बंैंक और रेलवे जैसे विभाग रिटायरमेंट के बाद भी अपने कर्मचारियों को कई सुविधाएं देते हैं।
राष्ट्रीय और सार्वजनिक अवकाश: निजी क्षेत्र की नौकरियों के मुकाबले सरकारी नौकरियों में अधिक छुट्टियां मिलती हैं। भारत में सरकारी कार्यालयों में लगभग सभी त्योंहारों पर छुट्टियां होती हैं, लेकिन निजी कार्यालयों बेहद सीमित तरीकों से छुट्टियां दी जाती हैं।
ग्रोथ: सरकारी नौकरियों में नियमों के तहत सेवानिवृत्ति की आयु 58 से 60 साल होती है। इसलिए, इस क्षेत्र में जिस ग्रोथ की आप उम्मीद कर सकते हैं, वह कम और लंबी अवधि में मिलती है। हालांकि, इस मामले में निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को ज्यादा फायदा होता है क्योंकि ग्रोथ आपके टेलेंट पर आधारित होती है।
चयन आपको करना है: सरकारी और निजी क्षेत्र में ये कुछ अंतर होतेे हैं। इसलिए, निजी या सरकारी क्षेत्र में नौकरी करनी है, इस बात पर फैसला आपको करना है क्योंकि दोनों क्षेत्रों की नौकरियों में फायदे और नुकसान हैं।
स्थानांतरण का मतलब नौकरियों में बदलाव नहीं: सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों का स्थानांतरण एक जगह से दूसरे स्थान पर किया जाता है, लेकिन इससे उनके काम में कोई बदलाव नहीं होता है। जबकि, निजी क्षेत्र में ऐसा नहीं होता है।