UPSC Exam पास करने के बाद कैसे तय होती है IAS, IPS या IFS रैंक? 

कैसे होता है परीक्षार्थियों को चयन -  मेंस परीक्षा के बाद उम्मीदवार इंटरव्यू में हिस्सा लेते हैं, इंटरव्यू में चयन होने वाले उम्मीदवार फिर आईएएस, आईपीएस की रेस में हिस्सा लेते हैं। 

UPSC में हैं कुल 24 सर्विसेस -  सिविल सर्विसेज के बाद 24 सर्विस में कैंडिडेट्स की नियुक्ति की जाती है। सर्विसेज में दो कैटेगरी होती है, जिसमें ऑल इंडिया सर्विसेज और सेंट्रल सर्विसेज शामिल है। 

ऑल इंडिया सर्विसेस -  ऑल इंडिया सर्विसेस के लिए जो भी Aspirants चुने जाते हैं उन्हें केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों का कैडर दिया जाता है। 

सेंट्रल सर्विसेस -  सेंट्रल सर्विसेस को 2 कटेगरीज में बांटा गया है। ग्रुप ए सर्विसेस में इंडियन फॉरेन सर्विस वहीं ग्रूप बी में आर्म्ड फोर्सेज हेडक्वार्टर सिविल सर्विस शामिल हैं। 

भरना होता है, DAF फॉर्म -  मेंस क्वालीफाई करने के बाद उम्मीदवार को डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है, जिसे DAF कहा जाता है। 

कैटेगरी के हिसाब से तय की जाती है रैंकिंग -  रिजर्वेशन कैटेगरी के हिसाब से इन Aspirants की रैंकिंग तैयार होती है। रैंकिंग तैयार की जाती है और रैंकिंग के आधार पर ही IAS, IPS या IFS को रैंक दी जाती है। 

ऑफीसर्स और उनका ट्रेनिंग पीरियड -  IAS ऑफीसर्स की ट्रेनिंग कुल 2 साल की होती है, वहीं IPS ट्रेनी ऑफीसर्स का ट्रेनिंग पीरियड 11 महीने का होता है। 

IFS ऑफिसर का ट्रेनिंग पीरियड -  IFS ऑफीसर का ट्रेनिंग पीरियड कुल 36 महीनों का होता है। इस दौरान इन ऑफीसर्स को खास स्किल्स सिखाई जाती हैं। 

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